मां बनने के बाद अक्सर महिलाओं पर अतिरिक्त जिम्मेदारियां होतीं हैं जिसके कारण अक्सर स्वास्थ्य के प्रति अनदेखी होती है. यदि कोई अपने स्वास्थय का ठीक से ख्याल न रखे तो यह स्थिति मां बनने के ठीक बाद या उसके कई साल बाद तक भी रह सकती है. साथ ही हमारे समाज के बहुत बड़े तबके में माँएं अपना ख्याल बखूबी न रखकर परिवार के अन्य सदस्यों का ख्याल रखने में अधिक व्यस्त रहतीं हैं. निश्चित तौर पर हरेक महिला को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यदि ख़ुद का स्वास्थ्य ठीक हो तभी हम दूसरों का भी बेहतर ख्याल रख पायेंगे.

इसी क्रम में देखा गया है बहुत सी महिलायें हाइपरटेंशन की शिकार रहतीं हैं. ध्यान रहे, इसके अक्सर प्रत्यक्ष लक्षण नहीं होते, और लगातार नज़रंदाज़ किये जाने पर इनके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं. इसका सबसे उचित उपाय यही है कि समय-समय अपनी मां को बीपी चेक करवाने के लिए प्रेरित करें, ताकि समस्या का ठीक-ठीक पता वहीँ पर लग जाए, और इसे घर पर भी आसानी से चेक किया जा सकता है.

·         यदि हाइपरटेंशन की फैमिली हिस्ट्री हो: ध्यान दें कि यदि आपके परिवार के सदस्यों या मां की पिछली कुछ पीढ़ियों से हाइपरटेंशन की समस्या रही है तो बहुत हद तक मुमकिन है कि आप या आपकी मां का स्वस्थ्य इससे प्रभावित हो.

·         लगातार सरदर्द: यदि कोई व्यक्ति लगातार सरदर्द की शिकायत करे तो बहुत मुमकिन है कि वह हाइपरटेंशन से पीड़ित हो, जांच ही अंतिम पुष्टि का विकल्प है.

·         मूड स्विंग्स: हालाँकि यह लक्षण माहवारी या मानसिक रोग से भी संबंधित होता है, लेकिन लगातार बीपी चेक करने पर सही स्थिति का पता लग सकता है. संभव है कि या भी हाइपरटेंशन का नतीजा हो.

·         नींद सही से न आना और बेवजह थकान: अक्सर अनियमित बीपी का परिणाम नींद का चक्र ख़राब होने में निकलता है. यदि आपकी मां लगातार नींद न आने की शिकायत करें तो डॉक्टर से संपर्क करें.

·         धड़कन महसूस होना और बेचैनी: हाइपरटेंशन के कारण अक्सर बेचैनी रहती है और व्यक्ति अपनी धड़कन भी महसूस करता है. यदि इस प्रकार का लक्षण दिखे तो बीपी चेक करें और हृदयगति पर नज़र रखें. 

माइग्रेन की यदि बात करें तो बहुत सी महिलायें इसकी भी शिकार देखी जा सकतीं हैं. इसके होने के व्यापक कारण हैं लेकिन इसके लक्षण उस हद तक व्यापक नहीं हैं. माइग्रेन अक्सर यात्रा करने, अनियमित जीवनशैली, बहुत ज्यादा या बहुत कम सोने, डिहाइड्रेशन, अनियमित खान-पान या सम्पूर्ण अस्वस्थ जीवन शैली के कारण होता है, कुछ संभव लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:

·         आधे सर में बहुत तेज़ दर्द: माइग्रेन का प्रमुख लक्षण अक्सर आधे सर में दर्द का होता है, इसलिए उपरोक्त बताये सरदर्द के लक्षण में यदि व्यक्ति सर के आधे हिस्से में दर्द की शिकायत करे तो मुमकिन है कि उसे माइग्रेन हो.

·         उल्टी व चक्कर आना: माइग्रेन से जूझ रही आपकी मां को उल्टी या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है. ऐसे में उन्हें भरपूर आराम करने व उचित खान पान के लिए प्रेरित करें साथ ही डॉक्टर से परामर्श ही सबसे उचित उपाय है.

·         नींद ठीक से न आना: माइग्रेन के दर्द के कारण व्यक्ति को नींद आने में दिक्कत हो सकती है. हालाँकि बताये गए अन्य लक्षणों की तरह यह भी बहुत सी अन्य बीमारियों का भी लक्षण हो सकता है लेकिन

सबसे बड़ी बात, अपनी मां से जिम्मेदारियां बातें, उन्हें अच्छी सेहत के लिए प्रेरित करें, उन्हें सकारात्मक रूपसे समय दें. किसी भी बीमारी या लक्षण को नज़रंदाज़ न करें.