• July 31, 2023
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डॉ. स्फूर्ति मान, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट एंड सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड डायबिटोलॉजी, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स

हम सभी जानते हैं मानसून में बारिश के सुकून साथ तरह-तरह की बीमारियों का संक्रमण भी दस्तक देते हैं. इनमें सबसे गंभीर रोगों की श्रेणी में डेंगू आता है जो जगह-जगह जलभराव और नमी भरे मौसम में पनपता और फैलता है. लगभग सभी जानते हैं कि डेंगू मच्छर की एक प्रजाति के काटने से होता है जिसका नाम फीमेल एडीज़ एजिप्टी है, लेकिन देखा गया है कि बहुत बार डेंगू के लक्षणों को ठीक से पहचानने में ग़लती की जाती है. क्योंकि बहुत से लोग डेंगू के बुखार को आम बुखार मानकर घर पर ही बुखार की दवा ले लेते हैं और समस्या गंभीर हो जाती है, जबकि ऐसे में खून की जांच, डॉक्टर से परामर्श और उनकी सलाह पर दवाओं का सेवन ही उचित है. आइये जानते हैं डेंगू, इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में:

क्या है डेंगू?:

जैसा कि बताया गया डेंगू फीमेल एडीज़ एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है जो दरअसल अपने और अपने अंडों के विकास के लिए वे इंसानों और जानवरों के खून का सेवन करतीं हैं. ये हमारे आस-पास के ठहरे हुए पानी और नमी वाले इलाके में पनपते और विकसित होते हैं. इनके काटने के दौरान डेंगू संक्रमण व्यक्ति में फैलता है, जो तेज़ बुखार के रूप में नज़र आता है. याद रखें, यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, केवल बताई गई मच्छर की प्रजाति के काटने के कारण ही इसका प्रसार होता है.

डेंगू के प्रमुख लक्षण?

यह एक बेहद प्रमुख बिंदु है, क्योंकि चिकुनगुनिया, टाइफाइड और डेंगू तीनो में बुखार होता है लेकिन अन्य लक्षणों को देखते हुए समझा जा सकता है कि किस बीमारी के कारण बुखार हो रहा है, यह आम लोगों को जानना ज़रूरी है ताकि जोखिमों की अनदेखी न हो. डेंगू की यदि बात करें तो इसमें तेज़ बुखार के साथ निम्नलिखित प्रमुख लक्षण देखने को मिलते हैं:

  • उल्टियां और पेटदर्द
  • दस्त
  • हड्डियों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • कंपकपी
  • सरदर्द
  • गंभीर स्थिति में नाक से या मसूड़ों से खून रिसना

याद रखें डेंगू के बुखार में मूल रूप से खांसी, जुखाम आदि देखने को नहीं मिलती, केवल उपरोक्त लक्षण ही डेंगू की ओर इशारा करते हैं. यदि खांसी आदि देखने को मिले भी, तो वह अन्य वजहों से हो सकता है, लेकिन डेंगू के कारण खांसी ज़ुखाम आदि नहीं होता.

डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू का इलाज:

हालाँकि डेंगू का बीमारी के रूप में कोई प्रमुख इलाज नहीं है, इसका लक्षणों के आधार पर इलाज होता है, लेकिन उचित जांच व डॉक्टर की देख-रेख में ही रोगी की देखभाल ही उचित है क्योंकि गंभीर स्थिति में डेंगू शॉक सिंड्रोम का ख़तरा होता है, जिसके कारण भारी ब्लीडिंग, लिवर में सूजन, हेमरेजिक बुखार, लो बीपी, रक्तस्त्राव, शॉक और जान का जोखिम हो सकता है. इसलिए केवल डॉक्टर से ही परामर्श लें.

डेंगू से बचाव:

हमें यह समझना होगा कि एक प्रकार से बचाव ही डेंगू का सबसे पहला इलाज है. अपने आस-पास पानी जमा न होने दें. जलभराव आदि की स्थिति में घर में मच्छरों से बचाव के लिए सभी उपाय करे. जाली वाले दरवाज़े व खिड़कियाँ रखें. मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मच्छरदानी, ऑइंटमेंट, आदि का इस्तेमाल करें. बच्चों का विशेष ध्यान रखें, उन्हें पूरे ढके कपड़े पहना कर रखें, बाहर जाते समय उनपर व ख़ुद को मॉस्क्वीटो रेप्लेंट लगायें. स्वस्थ खान- पान रखें व किसी भी लक्षण की अनदेखी न करें.